रिसर्च: चाय में पाया गया वायरस को रोकने वाला तत्व, इम्यूनिटी इम्प्रूव करने में सक्षम

रिसर्च: चाय में पाया गया वायरस को रोकने वाला तत्व, इम्यूनिटी इम्प्रूव करने में सक्षम

सेहतराग टीम

कोरोना महामारी के बीच हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर ने एक शोध किया। इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना के संक्रमण प्रसार को रोकने के लिए चाय में पाए जाने वाले तत्व सक्षम हो सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।

पढ़ें- कोरोना वायरस की हर जानकारी और मदद के लिए यहां देखें राज्यवार हेल्पलाइन नंबर

प्रारंभिक शोध में चाय के पौधों में ऐसे कार्बनिक रसायनों की पहचान हुई है, जिनसे संभवत: कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। यह तत्व पॉलीफेनोल्स के रूप में मौजूद है। कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अनुमोदित तीन व्यावसायिक रूप से उपलब्ध एंटी एचआइवी दवाओं की तुलना में अधिक विशिष्ट वायरल प्रोटीन से बांधता है। यह वायरल प्रोटीन की गतिविधि को अवरुद्ध कर सकते है, जो वायरस को मानव कोशिकाओं के अंदर पनपने में मदद करता है।

हिमालय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर कांगड़ा चाय से टी वाइन, ठंडा पेय और मोटापा कम करने के लिए कैप्सूल  तैयार कर चुका है। हिमाचल में कांगड़ा, मंडी और चंबा जिलों में प्रमुखता से चाय को पैदा करते है। लेकिन कुछ जिलों में चाय के बागान ज्यादा हैं जैसे- पालमपुर, बैजनाथ और धर्मशाला उपमंडल आदि। यहां हर साल करीब 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 9 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है।

चाय में एंटी आक्सीडेंट व स्वास्थ्यवर्धक कैंटाकिन मौजूद है। चाय के पौधों में मौजूद पालीफेनोल्स को ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआइवी) के विकास को बाधित करने के लिए दिखाया गया है। इन रसायनों में एंटी कैंसर और एंटी डायबिटिक गुण भी होते है।

 

इसे भी पढ़ें-

आंकड़े छिपाकर कोरोना मुक्‍त होंगे हमारे राज्‍य? केरल मॉडल का क्‍या है सच?

ठीक होने के बाद फिर से संक्रमित होने वाले मरीजों से संक्रमण फैलने खतरा नहीं: शोध

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।